बुद्धिमान व्यक्ति
बुद्धिमान वही है जो अपनी कमियों को दूसरों के सामने उजागर न होने दे , घर की बातें , धन की हानि दुस्टों दुवारा विनाश, अपमान ,मन की चिंता को केवल अपने तक ही सीमित रखें।
मनुष्य अकेला ही जनम लेता है अकेला ही मरता है अकेला ही स्वर्ग न नर्क में जाता अकेला ही अपने जीवन में संघर्ष करता है , अतः दुनिया तो सिर्फ एक मंच है उस पर अभिनय हमें अकेले को ही करना पड़ता है।
अज्ञानी पुरुष संतोष है न सहनशीलता है, न धरम का पता , न सत्य के रास्ते का पता है एक गधे के समान है ,
अर्थात धरती पर एक बोझ है।
पाने रहस्य किसी के भी सामने उजागर नहीं करने चाहिए वर्ना आपके विरोधी को आपके विरुद्ध षडयंत्र रचने का अवसर मिल जाता है। जो भी योजना बनानी हो उसे गुप्त रखनी चाहिए।
इंसान का एक गन उसके सभी अवगुणों को छिपा लेता है। अतः आपके पास जा भी किसी की समस्या का समाधान हो तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिए। क्या पता इससे आपके पहले के कुछ अवगुणों पर पर्दा गिर जाए।
कभी अपनी स्मार्टनेस अपने बॉस को न दिखाए। क्योंकि आपका बोस हमेशा ये सुनना चाहता है की उससे उत्तम कोई भी नहीं है , अगर आप अपने आप को उससे उत्तम साबबत करना चाहोगे तो आप उसके घृणा के पात्र हो।
1. सीधा इंसान न बने
अपने जीवन को इतना सरल भी नहीं बनाना चाहिए , क्योंकि सरल लोगों को ठग लिया जाता है , अतः मनुष्य को इतना सरल हृदय होने चाहिए। उसे अपने निर्णयों में कठोरता लानी चाहिए।
जिस तरह जंगल में सीधे वृक्षों को जल्दी कटा जाता है उसी तरह मनुष्यों को भी सरल स्वभाव के कारण ठग लिया जाता है।
बुद्धिमान वही है जो अपनी कमियों को दूसरों के सामने उजागर न होने दे , घर की बातें , धन की हानि दुस्टों दुवारा विनाश, अपमान ,मन की चिंता को केवल अपने तक ही सीमित रखें।
मनुष्य अकेला ही जनम लेता है अकेला ही मरता है अकेला ही स्वर्ग न नर्क में जाता अकेला ही अपने जीवन में संघर्ष करता है , अतः दुनिया तो सिर्फ एक मंच है उस पर अभिनय हमें अकेले को ही करना पड़ता है।
अज्ञानी पुरुष संतोष है न सहनशीलता है, न धरम का पता , न सत्य के रास्ते का पता है एक गधे के समान है ,
अर्थात धरती पर एक बोझ है।
पाने रहस्य किसी के भी सामने उजागर नहीं करने चाहिए वर्ना आपके विरोधी को आपके विरुद्ध षडयंत्र रचने का अवसर मिल जाता है। जो भी योजना बनानी हो उसे गुप्त रखनी चाहिए।
इंसान का एक गन उसके सभी अवगुणों को छिपा लेता है। अतः आपके पास जा भी किसी की समस्या का समाधान हो तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिए। क्या पता इससे आपके पहले के कुछ अवगुणों पर पर्दा गिर जाए।
कभी अपनी स्मार्टनेस अपने बॉस को न दिखाए। क्योंकि आपका बोस हमेशा ये सुनना चाहता है की उससे उत्तम कोई भी नहीं है , अगर आप अपने आप को उससे उत्तम साबबत करना चाहोगे तो आप उसके घृणा के पात्र हो।
1. सीधा इंसान न बने
हम पूर्वजों से सदा सीखते आ रहे है की हमेशा सीधे एवं सरल इंसान बनें। सीधे एवं सरल इंसान का मतलब है अपने किसी बुरा करो। लेकिन चाणक्य कहते है की सरल एवं साधरान बने रहने के साथ साथ सावधान भी रहे। न जाने कब आपका विरोधी पके खिलाफ कोई षड़यंत्र रच ले। हमेशा सत्य की राह पर चले लेकिन परिस्थिति अनुसार मनुष्य भी आवश्यक है। दोस्तों से अपने बचाव के लिए अगर झूंट का सहारा लेना पड़े तो यह गलत नहीं है। जिस प्रकार आंधी में सीधे पेड़ बहुत जल्दी उखड जाते है और टेढ़े पेड़ लम्बे समय तक ठीके रहते हिअ उसी तरह हमें भी परिस्थिति के अनुसार अपना व्यहार पर काबू रखना चाहिए।
2 . अपनी योग्यताओं को बढ़ाइए
जब हम कोई फसल अपने खेत में उगाते है तो केवल बीज ही फसल निर्धारण करते की फसल कितनी अच्छी होगी। कितना भी अच्छा हो फसल उगाने के लिए सबसे बड़ा योगदान होता है मिट्टी का। उसी तरह हमे भी अपने जीवन कितना अधिक वास्तु या किसी व्यक्ति का योगदान क्यों न मिल जाए हम कामयाब केवल अपनी खुद की ही योग्यता के दम पर हो सकते है। हमें अपने किसी भी तरह के काम के लिए दूसरे पर चाहिए।
3. अपने भय को ही अपनी शक्ति बनाइये
चाणक्य सबसे बेहतर नीति है। साप को संसार के भयानक जीवों में से एक मन जाता है। लेकिन यहाँ यह बात जानना जरूरी है की साप झाड़ियों में छिपलार रहता है तथा छिपकर रहता है। कुछ साप होते है जिनमे जहर ही नहीं होता। लेकिन फिर भी लोग साप से डरते है इस कारण है साप का भय।
चाहे आप किसी भी दुर्दशा में क्यों न हो आप को लोगों के सामने यह प्रतीत नहीं करना आप अभी मुसीबत है।
अगर लोगों में आपका भय है तो वो आपके खिलाफ कोई चाल नहीं रचेंगे। आप अपने भय को ही अपनी शक्ति बनाइये।
4. असफलताओ से सीखिए
अगर आप अपने किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत ज़्यादा मेहनत करते हो और आप पाने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रहते हो तो आपके पास अनुभव प्राप्त करने का यह सबसे उचित अवसर है। असफलता के पश्च्यात आप पाने मन में विचार कीजिये की आपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो योजना बनायी उसकी खबर किस किस को थी
जिस प्रकार पपीता के पेड़ पर पपीता के बाद उन्हें कपडे से ढक जाता है ताकि उसकी मिठास को पाने के लिए उसके बाद कोई कीड़े मकोड़े न आये ,उसी प्रकार आपकी योजनाओ पता आपके दुश्मनों लग जाए तो वो आपको योजनाओ के जरूर आपके रास्ते का कांटा बनेंगे। इसलिए कभी योजनाओ को खबर दूसरों को न लगाने दे।
5. बुद्धि मान लोगों से दोस्ती कीजिये
अगर हीरा हमारे पास हो तो वो हमारी सोभा बढ़ता है और गर हमारे शत्रु के पास हो तो हमारे लिए उसी प्रकार विष का काम करता है। सच्चे एवं बुद्दि मान लोग भी हीरे के सामान ही होते है। अगर वो हमारे पास है अमृत और शत्रु के पास है तो विष की भांति लगते है। इसलिए श्रेस्ट एवं उत्तम व्यक्ति मिलते ही उसे अपने पक्ष में कर चाहिए।
6. अपने निरयणो में कठोरता दृढ़ता लाये
अपने जीवन को इतना सरल भी नहीं बनाना चाहिए , क्योंकि सरल लोगों को ठग लिया जाता है , अतः मनुष्य को इतना सरल हृदय होने चाहिए। उसे अपने निर्णयों में कठोरता लानी चाहिए।
जिस तरह जंगल में सीधे वृक्षों को जल्दी कटा जाता है उसी तरह मनुष्यों को भी सरल स्वभाव के कारण ठग लिया जाता है।
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