1. अब सब कुछ बता दिया जाए तो अच्छा रहेगा ,
अब कुछ ना छुपाया जाए तो अच्छा रहेगा ,
अगर अदालत सजी है तेरे मोहल्ले में तो कोई गिलाह नहीं ,
गवाह हमारे मोहले से भी बुलाएं जाए तो अच्छा रहेगा।
2. एक और मौका दे सकता हु, पर मुझे पता है तू सुधरेगा नहीं ,
और मुझे अंदाजा नहीं था तू मेरी नज़रों से कुछ ऐसा उतर जाएगा ,
की तू देगा मुझे पानी और मेरे गले से उतरेगा नहीं।
3. वो रूठा रहे मुझसे ये मंजूर हैं लेकिन ,
यारों उसे समझाओ मेरा शहर न छोड़े।
4. ये कैसा सितम था उनका ,कुछ पलों की मोहब्बत के लिए मुझे सालों आजमाया गया ,
उन्होंने पहले मेरी फांसी मुकर्रर करदी ,अदालत मुझे बाद में लेजाया गया।
5. तूने रिश्ता तोडा हैं मजबूरी होगी मैं ये मानता हु,
मुझे तो निभाने दे मैं तुझसे भला क्या मांगता हु ,
और दर्द में देखकर तू मुझे मुस्कुरा रही हैं ,
और मैं कितना पागल हु तू हंसती रहे बस यही दुआ माँगत हूँ।
6. वो किसी और को मेरे बारें में बता रही होगी ,
किसी और के मन में मेरे बारें में नफरत जगा रही होगी ,
मुझे बदनाम करने की कोशिश वो तमाम कर रहो होगी ,
कई झूंटे वो मुझ पर इल्जाम कर रही होगी ,
और जो तकरार हुइ थी हमारी बंद कमरें में ,
आज उन्हें वो सरे आम कर रही होगी।
7. अफवाह उडी थी की में बीमार हो गया हूँ ,
लोगों ने पूँछ पूँछ कर बीमार कर दिया।
8. सबरा क्या होता है वो उस छोटे लडके से पूँछिये ,
जो रोटी के लिए काम करात हैं खिलोने की दूकान पर।
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जीने के लिए अरमान चाहिए ,
हमारी ज़िन्दगी में हो चाहे जीतनी मुसीबत ,
लेकिन मेरे दोस्तों के चेहरों पर ,
हमेशा मुश्कान चाहिए।
10. आँसू ना होते आँखों में तो आँखे ख़ूबसूरत न होती ,
दर्द न होता दिल में तो खुशियों की कीमत न होती ,
अगर आप जैसे लोग न होते इंटरनेट पर ,
तो हमारी इंटरनेट पर आने की किस्मत न होती।
11 तुम्हें देखकर सितारें भी जिया मांगेगा ,
दुपट्टे को मैट सरकने देना कंधे से वर्ना बूढ़े भी ,
जवानी की दुआ मांगेगें।
12.छूट गए जो उनका साथ क्या मांगे ,
जरा हँसी उम्र हैं ग़मों से निजात क्या मांगे ,
अगर वो होते तो जरूरत होती हमें ,
अकेली जान के लिए क़ायनात क्या मांगें।
13.पल पल तेरी याद आती है ,
बहुत तेज तड़पाती है ,
दिल तो जी लेता है तेरी याद के बिना ,
पर सांस नहीं आती के बिना।
14.ख्वाइस है की हर लम्हा तेरे साथ गुजारू
तेरे इक कहने पर वो सारी बातें सुधारू
तेरी याद में रो-रो कर आंसू भी हो गए ख़त्म
तेरी याद में रो-रो कर आंसू भी हो गए ख़त्म
अब तू ही बता इन आंसूओ का उधार कैसे उतारूँ
15.उनकी नज़रों में छिपा आज भी एक राज़ था
वही चेहरा लिबाज़ था ,
कैसे यारों उनकों बेवफा कहदूँ ,
आज भी उनके देखने का वही अंदाज़
15.उनकी नज़रों में छिपा आज भी एक राज़ था
वही चेहरा लिबाज़ था ,
कैसे यारों उनकों बेवफा कहदूँ ,
आज भी उनके देखने का वही अंदाज़
तेरी ज़िन्दगी के सारे गम उधार ले लूँ ,
तू एक बार कह कर तो देख हमें तुमसे है महोबत ,
तेरी आँख के आंसू अपनी आँखों से गिरा दूँ
17.प्यास न बुझी पानी से सोचा और महकाने की और निकला
सोचा खुदा से करूंगा तेरी शिकायत पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला
17.प्यास न बुझी पानी से सोचा और महकाने की और निकला
सोचा खुदा से करूंगा तेरी शिकायत पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला
18 .गम में आँखे चार कर लेंगे
हम भी ये इम्तिहान दे देंगे
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती की खातिर हम दुश्मन
से भी प्यार कर लेंगे।
हम भी ये इम्तिहान दे देंगे
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती की खातिर हम दुश्मन
से भी प्यार कर लेंगे।
19. प्यार में सौदा करने की आदत होती है अमीरों की
जान ले-लेती है हम गरीबो की
जान ले-लेती है हम गरीबो की
20. किसी ने एक अनाथ से से पूंछा की माँ बिना कैसा लगता है,
तो वो बोला जनाब कभी जी कर देखो अँधेरे से भी डर लगता है।
हमारे अपनों ने जगह जगह पर बिछाए थे खंजर ,
इन्ही खंजरों पर चलकर हमारी माँ ने हमें पाला है।
21 छत टूटी थी मेरे घर की बारिश का साया भी मुझे छु नहीं सकता था ,
माँ का पल्लू दीवार बनकर मेरे सर पर खड़ा रहता था ,
कोशिस नाकाम रही हर शख्स की पल्लू को हटाने की ,
क्योंकि वो पल्लू मेरे पापा ने दिलाया था।
22. मैंने अपनी भूख के लिए उसे भटकते देखा है।
मेरे सपनों के लिए सपनों के घरों में काम करते देखा है ,
हाँ वो आज है नहीं है नहीं मेरे पास ,
उसकी दुआएं आज भी मेरे साथ रहती है ,
मैंने को सामने से गुजरते देखा है.
23. हज़ारों लाखो बिक गए उस बाज़ार भी बिक जाता ,
शुक्र है मैं पहले से किसी का गुलाम बनके आया था ,
कुछ लोगों ने में ही बोली लगाती थी मेरी ,
गरिमत मैं घर पेअर छु कर आया था।
24. मंजिल दूर है और सफल बहुत हैं ,
छोटी सी जिंदगी की फ़िक्र बहुत है ,
मार डालती दुनिया हमें ,
लेकिन पिता के प्यार का असर बहोत है।
25. इस गिरती हुई किस्ती में मैंने एक सहारे को देखा है ,
इस भागति हुए भीड़ में मैंने अपने पिता को देखा हैं ,
दिन रात एक करके अपने परिवार को पालते देखा है ,
मेरी मान को अपने हाथों से खाना खिलाते हुए देखा है ,
इन टूटते हुए घरों के बीच मैंने अपने परिवार को देखा है ,
26. मुझे याद है तुम्हारा मुझे पीठ पर घूमना ,
मेरा रूठ जाना और तुम्हारा मनाना ,
पहले मारना और फिर ढोसा खिलाना ,
busy होने पैर भी खुद को फ्री बताना ,
मुझे याद हैं मेरे नंबर काम आते थे तुम चिंता नहीं करते थे ,
मेरे पास होने पैर भी पार्टी दे देते थे,
मैं बाजार के सब खिलोनो को सस्ता समझता था ,
क्योंकि मुझे तुम्हारी जेब में पैसा भोत लगता था ,
मैं क्या करू मुझे तुम्हारी बहुत याद आती हैं
मुझे कुछ याद नहीं करना बस तुम्हारा हाथ फेरना ही काफी है।
Excellent work
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